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आने वाले समय में पार्टी सिंबल की लड़ाई लड़ सकते हैं दुष्यन्त चौटाला

आने वाले समय में पार्टी सिंबल की लड़ाई लड़ सकते हैं दुष्यन्त चौटाला
संपादकीय लेख-
 ( सुरेन्द्र गिल ): सांसद दुष्यन्त चौटाला के सूत्रों का कहना है कि दुष्यन्त आने वाले समय मे पार्टी सिंबल की लड़ाई लड़ सकते हैं। क्योंकि पार्टी सिंबल की लड़ाई का अधिकार अभी उनके पास विकल्प के रूप में है। क्योंकि दुष्यन्त को गुण दोष के आधार पर नही निष्काषित किया गया।

गुण दोष में यह आता है कि दुष्यन्त किसी अन्य दल में शामिल हो गए हों या फिर उन्होंने पार्टी की लाइन से हटकर कहीं मतदान किया हो। जिस प्रकार से निलंबन के बाद से दुष्यन्त व दिग्विजय व उनकी माता इनेलो विधायक नैना चोटाला अभी तक चो देवीलाल व ओमप्रकाश चौटाला को अपना नेता कह लगातार जनता में जा रहे थे, उनके तेवरों से यहीं नजर आ रहा है। भले ही पार्टी ने उनका निष्काशन कर दिया हो मगर कानूनी विशेषयज्ञ सुखविंदर नारा मानतें है कि दुष्यन्त चोटाला इस निष्काशन को रद्द करवाने ,पार्टी पर अपने क्लेम,चुनाव चिन्ह के क्लेम को लेकर चुनाव आयोग के पास जा सकतें हैं। अतीत में यही क्लेम समाजवादी पार्टी के परिवरिक विवाद में मुलायम सिंह यादव भी कर चुके हैं। जनता दल यूनाइटिड शरद यादव व नीतीश कुमार के इसी झगड़े में पार्टी का सिंबल नीतीश कुमार को अतीत में चुनाव आयोग देने का महत्वपूर्ण निर्णय कर चुका है। नारा का कहना है कि कानूनी रूप से क्योंकि ओम प्रकाश चौटाला अभी जेल में हैं उनके नाम पर कोई भी आदेश जारी होने की कानूनी महत्ता क्या है को चैलेंज किया जा सकता है। सांसद दुष्यंत चोटाला को इनेलो की सदस्यता से निष्काशन के बाद यह चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि वह सांसद बने रहेंगे या नही। कानूनी विशेषज्ञ सुखविंदर नारा का मानना है कि भारतीय सविंधान के अनुछेद 10 के तहत ऐसी कोई कार्यवाही संभव नही है। क्योंकि यह क्षेत्राधिकार केवल स्पीकर लोकसभा का होता है। वह भी तब जब कोई पार्टी अपने किसी सांसद पर यह आरोपित पत्र लिखे की उन्होंने पार्टी की लाइन के विरोध में अपने मत का कहीं इस्तेमाल किया है। नारा कहतें है कि दल बदल विरोधी कानून(एंटी डिफेक्शन ला शेड्यूल) 10 के तहत ऐसी कोई कार्यवाही दुष्यन्त के खिलाफ नही बनती।