आजादी के मायने पहले जैसे नहीं रहे। हम कहीं-न-कहीं उससे भटक गए हैं। लेकिन वह समय आ गया है कि हमको आजादी के अपने मायने बदलने होंगे। तभी उन सीमाओं से छुटकारा पा सकेंगे, जो सपनों को साकार करने से रोकते हैं। आखिर सच्ची आजादी की तरफ कैसे अपना कदम बढ़ाएं, बता रहे हैं
इस समय राष्ट्रीय गौरव और प्रतिबद्धता का एहसास अपने चरम पर होता है। साहस और शौर्य की कहानियां सुनने को मिलती हैं। लेकिन फिर भी एक अजीब हकीकत यही है कि व्यक्तियों के रूप में हम ज्यादातर लोग आजादी का अपना संस्करण तलाशने के लिए संघर्ष करते हैं-जो हम मानवों के रूप में निरंतर तलाशते रहते हैं। सच्ची आजादी का अर्थ उन सब चीजों से जो आपको बांधती हैं, उन सब चीजों से जो मिथ्या हैं, आजाद होना है, खुद को उन सब चीजों से छुटकारा दिलाना है जो काल्पनिक और नश्वर हैं और अपने अंदर की सच्चाई एवं अमरत्व का अनुभव करना है। इसका अर्थ अतीत के विचारों और भविष्य की आशाओं से आजादी पाना है। आइए जानें, उन सभी अलग-अलग तरह की आजादी के बारे में, जो हम सब इंसान तलाशते हैं.
इस समय राष्ट्रीय गौरव और प्रतिबद्धता का एहसास अपने चरम पर होता है। साहस और शौर्य की कहानियां सुनने को मिलती हैं। लेकिन फिर भी एक अजीब हकीकत यही है कि व्यक्तियों के रूप में हम ज्यादातर लोग आजादी का अपना संस्करण तलाशने के लिए संघर्ष करते हैं-जो हम मानवों के रूप में निरंतर तलाशते रहते हैं। सच्ची आजादी का अर्थ उन सब चीजों से जो आपको बांधती हैं, उन सब चीजों से जो मिथ्या हैं, आजाद होना है, खुद को उन सब चीजों से छुटकारा दिलाना है जो काल्पनिक और नश्वर हैं और अपने अंदर की सच्चाई एवं अमरत्व का अनुभव करना है। इसका अर्थ अतीत के विचारों और भविष्य की आशाओं से आजादी पाना है। आइए जानें, उन सभी अलग-अलग तरह की आजादी के बारे में, जो हम सब इंसान तलाशते हैं.
एक नवजात शिशु के रूप में संसार के साथ हमारा पहला संवाद हमारे माता-पिता के स्पर्श, चेष्टाओं और अनुराग की भावनाओं के जरिये से होता है। यह एक ऐसी भाषा है जो शब्दों, भाषा और विन्यास से परे है। स्कूल के सोलह साल और कॉलेज के कुछ साल के दौरान हमें एक व्यक्ति के रूप में अपनी मार्मिक मान्यताएं बमुश्किल ही याद आती हैं और इसी कारण हम स्वयं के साथ अपने स्पर्श को गंवा देते हैं। जब हम स्वयं को जानते हैं, जब हम अपने स्वभाव की मौलिकता में गहरा गोता लगाते हैं, तब सही मायने में आजादी का अनुभव करते हैं। इसलिए अगर आप खुद को जिंदगी की चुनौतियों से घिरा पाते हैं, तो अपने अंदर झांकें।सीमाओं से आजादी
अपने आसपास के वातावरण के आधार पर हम कुछ सीमाओं में बंधे होते हैं, जैसे-मेरे पास सही शिक्षा नहींहै, मेरे पास सही अनुभव नहीं है, मेरे पास अपने कारोबार में लगाने के लिए धन नहीं है, मेरे पास अपनेकारोबार के लिए सही क्लाइंट नहीं हैं और इसी तरह की दूसरी सीमाएं। हमें खुद को इन सीमाओं से आजादकरने की जरूरत है, क्योंकि ये हमारी प्रगति के पथ पर केवल बाधाएं हैं। हमें इन सीमाओं से आजाद होनेकी जरूरत है।
अपने अंदर झांकें
करियर चुनने की आजादी
कुछ-एक किस्मत वालों को छोड़कर, लगभग 80-90 प्रतिशत लोग अपनी जिंदगी का प्रमुख हिस्सा अपने करियर को बनाने या उन रास्तों का निर्माण करने में लगा देते हैं, जो उन्हें उनकी पसंद के करियर का अनुसरण करने की दिशा में ले जाते हैं। यह इस कारण से है, क्योंकि स्पष्टता के अभाव में या किसी प्रभाव के कारण एक गलत करियर चुना है। पिछले हफ्ते, एक बैंक में काम करने वाले एक एग्जीक्यूटिव ने मुझे लिखा कि वह एक गायक बनना चाहता है। इसी तरह, कहीं-न-कहीं हम सभी को यह मालूम है कि हम किसमें अच्छे हैं या कहां से हमारा नाता है। ऐसे में इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी उम्र कितनी है या आपकी जिंदगी के क्या हालात हैं, आपके पास अपनी पसंद का करियर चुनने की आजादी हमेशा होती है।
आर्थिक आजादी
हम सब आर्थिक रूप से आजाद होना और अच्छी जिंदगी बिताना चाहते हैं। लेकिन फिर भी यह हमेशा मुमकिन नहीं है। कभी-कभी, हमारे पास सर्वश्रेष्ठ योग्यता होती है लेकिन फिर भी हमें वह नौकरी या अवसर नहीं मिलता है जो हम चाहते हैं। बहरहाल, इसे लेकर निरुत्साहित मत होइये या अपने मनोबल को कम मत होने दीजिए। आज पारंपरिक अवसर सीमित हो सकते हैं, लेकिन अपारंपरिक अवसर भरपूर हैं। हमें अलग ढंग से सोचने के तरीके ईजाद करने की जरूरत है। आर्थिक आजादी अपने आप हमारी पहुंच में होगी।