IPC धारा 324
धारा 334 द्वारा प्रदान किए गए मामले को छोड़कर जो कोई भी, घोपने, गोली चलाने या काटने के किसी भी साधन के माध्यम से या किसी अपराध के हथियार के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण से स्वेच्छापूर्वक ऐसी चोट पहुंचाए, जिससे मॄत्यु कारित होना सम्भाव्य है, या फिर आग के माध्यम से या किसी भी गरम पदार्थ या विष या संक्षारक पदार्थ या विस्फोटक पदार्थ या किसी भी पदार्थ के माध्यम से जिसका श्वास में जाना, या निगलना, या रक्त में पहुंचना मानव शरीर के लिए घातक है या किसी जानवर के माध्यम से चोट पहुंचाता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या दोनों से दंडित किया जाएगा।
अगर आपके साथ किसी भी तरह की कोई साधारण मारपीट हुई है. और मारपीट के दौरान आपको किसी ने किसी हथियार से जख्मी कर दिया है. या आपको हथियार से चोट पहुंचाई है. तो उस समय यह मामला IPC धारा 324 के अनुसार दर्ज किया जाता है. इस तरह के मामले में जो शिकायत करता है. उसके अनुसार पुलिस सीधे FIR दर्ज करती है. और मारपीट करने वाले को दोषी करार दे दिया जाता है. तो उसे ज्यादा से ज्यादा 3 साल तक की कैद भी हो सकती है. यह मामला गैर जमानती और गैर समझौतावादी दोनों तरह से मारा जाता है. यानी कि इसमें मारपीट करने वाले को ना तो किसी तरह की जमानत होती है. और ना ही किसी तरह का समझौता होता है. और साथ ही यह Cognizable Offence की श्रेणी में भी आता है. और यदि बाद में अगर दोनों पक्षों के लोगों में समझौता हो जाता है. उसके बाद भी FIR को कोर्ट की इजाजत के बगैर खत्म नहीं किया जाता अगर FIR को खत्म करवाना है. तो कोर्ट की इजाजत लेनी होती है. लेकिन समझौता होने के बाद पुलिस FIR को खत्म नहीं कर सकती है. उसके लिए पहले कोर्ट से परमिशन लेने की जरूरत होती है.
खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छा से आघात पहुंचाना
सजा - तीन वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
धारा 334 द्वारा प्रदान किए गए मामले को छोड़कर जो कोई भी, घोपने, गोली चलाने या काटने के किसी भी साधन के माध्यम से या किसी अपराध के हथियार के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण से स्वेच्छापूर्वक ऐसी चोट पहुंचाए, जिससे मॄत्यु कारित होना सम्भाव्य है, या फिर आग के माध्यम से या किसी भी गरम पदार्थ या विष या संक्षारक पदार्थ या विस्फोटक पदार्थ या किसी भी पदार्थ के माध्यम से जिसका श्वास में जाना, या निगलना, या रक्त में पहुंचना मानव शरीर के लिए घातक है या किसी जानवर के माध्यम से चोट पहुंचाता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या दोनों से दंडित किया जाएगा।
अगर आपके साथ किसी भी तरह की कोई साधारण मारपीट हुई है. और मारपीट के दौरान आपको किसी ने किसी हथियार से जख्मी कर दिया है. या आपको हथियार से चोट पहुंचाई है. तो उस समय यह मामला IPC धारा 324 के अनुसार दर्ज किया जाता है. इस तरह के मामले में जो शिकायत करता है. उसके अनुसार पुलिस सीधे FIR दर्ज करती है. और मारपीट करने वाले को दोषी करार दे दिया जाता है. तो उसे ज्यादा से ज्यादा 3 साल तक की कैद भी हो सकती है. यह मामला गैर जमानती और गैर समझौतावादी दोनों तरह से मारा जाता है. यानी कि इसमें मारपीट करने वाले को ना तो किसी तरह की जमानत होती है. और ना ही किसी तरह का समझौता होता है. और साथ ही यह Cognizable Offence की श्रेणी में भी आता है. और यदि बाद में अगर दोनों पक्षों के लोगों में समझौता हो जाता है. उसके बाद भी FIR को कोर्ट की इजाजत के बगैर खत्म नहीं किया जाता अगर FIR को खत्म करवाना है. तो कोर्ट की इजाजत लेनी होती है. लेकिन समझौता होने के बाद पुलिस FIR को खत्म नहीं कर सकती है. उसके लिए पहले कोर्ट से परमिशन लेने की जरूरत होती है.
खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छा से आघात पहुंचाना
सजा - तीन वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।