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दुष्यंत वो रसदार फल हैं जिसके लिए राजनीतिक पार्टियां तड़प रही हैं, पढि़ए ये अलग आर्टिकल

दुष्यंत वो रसदार फल हैं जिसके लिए राजनीतिक पार्टियां तड़प रही हैं, पढि़ए ये अलग आर्टिकल

 हरियाणा में एक बड़े सियासी वृक्ष यानी इनेलो से दुष्यंत के रूप में एक पका हुआ फल क्या टूटा, सारी राजनीतिक पार्टियां उस फल को पाने के लिए लालायित हो उठी हैं। सांसद दुष्यंत चौटाला इनेलो की शाखा में लगे उस सियासी फल की तरह हैं, जिसका रसानुस्वादन हर पार्टी करके खुद को मजबूत करना चाहती है। देखा जाए तो दुष्यंत चौटाला हरियाणा के युवाओं की पहली पसंद बन चुके हैं, जिनसे उनका कद काफी बड़ा हो चुका है। हालांकि ये भी सच है कि दुष्यंत आज जो भी कुछ हैं, उनका जो भी वजूद है वो उनके दादा ओमप्रकाश चौटाला व परदादा चौधरी देवीलाल की देन है। दुष्यंत के समर्थक उन्हें दूसरे चौधरी देवीलाल समझते हैं, जिनके पार्टी से निकाले जाते ही उनपर सबकी नजर गड़ गई है।
एक ओर जहां बीजेपी के नेता दुष्यंत चौटाला को अपनी पार्टी की ओर खींचने की चाहत रखते हैं। वहीं दिल्ली में राज करने वाली आम आदमी पार्टी जो हरियाणा में अगली सरकार बनाने के सपने बुन रही है, वो उन्हें गोद लेने को तैयार है। हालांकि इन पार्टियों ने अबतक कोई आधिकारिक तौर पर सांसद दुष्यंत को पार्टी में आने का न्योता नहीं दिया है। लेकिन इनेलो में पड़ी फूट पर अपनी राजनीति चमकाने वाले बड़बोले नेताओं के जुबान से दुष्यंत चौटाला की तारीफ और उनको हासिल करने की चाह झलक जाती है। आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद ने दुष्यंत के बारे में कहा है कि चौ. देवीलाल के परिवारिक वारिस तो ओमप्रकाश चौटाला व अभय चौटाला हो सकते हैं, लेकिन उनके वैचारिक नहीं हो सकते। जो लोग उनकी विचार धारा को आगे बढ़ाने का काम कर रहे थे, उन्हें पार्टी से बाहर निकालने का काम किया। आप पार्टी उनका(दुष्यंत चौटाला) स्वागत करती है और उन्हें गोद लेने को तैयार है।
वहीं सत्तासीन भाजपा के मंत्री भी दुष्यंत को पार्टी में शामिल होने का न्योता देते रहे हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी दुष्यंत को भाजपा की ओर से न्योता दे चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि दुष्यंत चौटाला की मर्जी है कि वे क्या फैसला लेते हैं, अगर वे बीजेपी में आते हैं तो उनका स्वागत है। वहीं मंत्री कर्णदेव कांबोज ने कहा कि अगर दुष्यंत भाजपा में आना चाहते हैं तो उनका हम स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि अच्छी विचारधारा के लोग पहले भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। हालांकि दुष्यंत चौटाला क्या चाहते हैं? इस बात की जानकारी तो उनके पिता अजय चौटाला के पैरोल पर आने के बाद ही पता चल पाएगा। बता दें कि अजय चौटाला कल ही यानि 5 नवंबर को तिहाड़ जेल से बाहर आ रहे हैं, जिसके बाद दुष्यंत अपने असली पत्ते खोलेंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि दुष्यंत चौटाला नई पार्टी भी बना सकते हैं। कल की सुबह इनेलो में एक नया दिन ला सकती है।