(सुरेन्द्र गिल) - अगर कोई शख्स किसी घातक हथियार से किसी को गंभीर रूप से जख्मी कर दे तो आईपीसी की धारा-326 के तहत केस दर्ज होता है। किसी को चाकू मारना, किसी अंग को काट देना या ऐसा जख्म देना जिससे जान को खतरा हो जैसे अपराध इसी कैटिगरी में आते हैं। अगर किसी के साथ मार-पीट कर कोई हड्डी या दांत तोड़ दे तो भी धारा-326 के तहत ही केस दर्ज होता है। खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छा से गंभीर आघात पहुंचाना . सजा - आजीवन कारावास या दस वर्ष कारावास और आर्थिक दंड
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। मध्य प्रदेश में सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है, यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। मध्य प्रदेश में सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है, यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।