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रैंट ऐग्रीमैंट से जुड़ी बारीकियां // रेंट एग्रीमेंट साइन करने से पहले रखें इन 5 बातों का ध्यान, नहीं होंगे परेशान

रैंट एग्रीमैंट वह होता है
                 जो किसी भी प्रौपर्टी को किराए पर देने से पहले किराएदार और मकानमालिक के समझौते से तैयार किया जाता है. इस रैंट एग्रीमैंट में मकानमालिक की सारी शर्तें लिखित रूप में होती हैं, जिस पर मकानमालिक व किराएदार की सहमति के बाद ही दस्तखत होते हैं. रैंट एग्रीमैंट भविष्य के लिए लाभदायक सिद्ध होता है. अगर किसी भी प्रकार के बदलाव का प्रस्ताव मकानमालिक या किराएदार द्वारा रखा जाना हो, तो उस के लिए 30 दिन पहले नोटिस दिया जाता है.
रैंट ऐग्रीमैंट में बहुत सी ऐसी बातों को ध्यान में रखना जरूरी होता है, जो मकानमालिक और किराएदार दोनों के लिए आवश्यक होती हैं. वे बातें इस प्रकार हैं :
– रैंट एग्रीमैंट हमेशा स्टैंप पेपर पर ही बनाया जाता है. इस पर मकानमालिक और किराएदार दोनों के दस्तखत होने जरूरी होते हैं.
– रैंट एग्रीमैंट में किराएदार व मकानमालिक का नाम साफसाफ लिखा होना चाहिए. साथ ही किराए पर दी जाने वाली जगह का पूरा पता भी दिया होना चाहिए.
– रैंट एग्रीमैंट में किराए की ठीक जानकारी आवश्यक होती है, साथ ही किराया देने की समय अवधि की तारीख भी होनी चाहिए और किस दिन से विलंब शुल्क लगाया जाएगा, यह भी साफसाफ लिखा होना चाहिए.
– रैंट एग्रीमैंट में किराएदार द्वारा जमा की जाने वाली सिक्योरिटी मनी का उल्लेख होना ही चाहिए.
– तारीख व दिन से कितने समय के लिए प्रौपर्टी किराए पर दी जा रही है, यह लिखा होना भी बहुत जरूरी होता है.
– मकानमालिक द्वारा क्याक्या सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, उस की जानकारी भी रैंट एग्रीमैंट में होनी चाहिए तथा प्रौपर्टी के साथ अन्य कौन सी सामग्री भी साथ प्रदान की जा रही है, जैसे पंखा, गीजर, लाइट फिटिंग आदि भी लिखे होने चाहिए.
– किराएदार को घर छोड़ने या मकानमालिक द्वारा घर छुड़वाने से एक महीने पहले नोटिस देना जरूरी होता है.
– मकानमालिक रैंट एग्रीमैंट बनवाने के लिए किसी वकील से भी बातचीत कर सकता है या स्टैंडर्ड रैंट एग्रीमैंट फार्म का प्रयोग कर सकता है.
– रैंट के घर में रहने वाले व प्रयोग करने वाले 18 वर्ष की आयु से ऊपर के विवाहित और अविवाहित सभी सदस्यों के नाम रैंट एग्रीमैंट में लिखे जाते हैं, जिस से बाद में प्रौपर्टी की देखरेख की जिम्मेदारी सभी की हो और किराए से जुड़ी रकम भी किसी एक से ली जा सके.
– मकान मालिक किराएदार के बारे में पूछताछ कर सकता है, जिस से वह उस से जुड़ी आसामाजिक गतिविधियों व आपराधिक पृष्ठभूमि को जान सके.
कुछ महत्त्वपूर्ण बातें
रैंट एग्रीमैंट से जुड़ी ऐसी ही कुछ बारीकियां जानने के लिए  कुछ महत्त्वपूर्ण बातें समझाईं-
रेंट एग्रीमेंट पर साइन करने से पहले ध्यान दे इन 5 बातो पर। 

1.किराया : जब भी आप कोई भी भवन, दुकान  किराये पर लेते है, तो सबसे पहले आप उस मकान  और दुकान का किराया पूछते है उस मकान  और दुकान के मालिक से, की कितना किराया है। किराया तय करना होता है, महीने मे कितना किराया देना है, हर साल माकन के किराये में कितनी वृद्धि होगी,  क्या सिक्योरिटी डिपाजिट भी देना होगा, आदि ऐसी अन्य बाते  जो की किराये से सम्बंधित है। 

2. प्रॉपर्टी : जब भी आप कोई भी मकान  किराये पर लेते है, तो सबसे पहले आपको उस मकान  को देखना जरुरी है, उस मकान  की स्थिति क्या है,  मकान  में पुताई ,फ्लोर, बिजली, इन सब की जाँच करवा ले। 
रसोई घर, स्नान घर, की जाँच कर ले, अगर कुछ खराबी है तो उसकी जानकारी तुरंत मकानमालिक को दे ,ताकि  घर में आने से पहले वह खराबी सही हो जाये , मकान  में किसी भी प्रकार की कोई भी खराबी है और उसकी जानकारी आप मकानमालिक को देते है, तो उस खराबी के लिए आप की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी क्योकि उस खराबी की जानकारी आपने पहले से ही  मकानमालिक को दी है।  

 3. अन्य चार्ज :   जब भी आप कोई मकान  किराये पर लेते है तो रेंट एग्रीमेंट में साइन करना होता है, तो ऐसे में यह जरूर देख ले की क्या यदि किराया देने में  देरी हो जाये या देर हो जाती है, तो क्या कोई penality  भी देनी होगी, किराया देने की तारीख एग्रीमेंट में स्पष्ट लिखी होनी चाहिए, यदि एग्रीमेंट में ऐसी कोई शर्ते लिखी है की यदि किराया देरी से दिया गया तो किरायेदार के द्वारा अतिरिक्त किराया चार्ज के रूप में देना होगा। 
  1. बिजली का बिल। 
  2. पानी का बिल। 
  3. पार्किंग। 
  4. हाउस टैक्स। 
  5. Gym . 
  6. स्विमिंग पुल। 


4. रिपेयर अवं मैंटिनन्स:  रेंट एग्रीमेंट साइन करने से पहले यह जुरूर देख ले की, मकान  के रेगुलर मैंटिनन्स और पुताई की जिम्मेदार किसकी है यह एग्रीमेंट में साफ और स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए, ताकि अगर आप एक बार माकन में शिफ्ट हो जाये तो इस बात को लेकर कोई विवाद न हो।  
यह भी तय करले की यदि कोई गुर्घटना के कारण  कोई नुकसान होता है ,तो उसकी कौन भरपाई करेगा, इसका भी साफ और स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए। 
यदि आप कोई भी रिपेयर का काम करवाते है, तो वह किराये में कट जायेगा या मकान मालिक वह खर्चा आपको देगा।  

5. अन्य नियम व् शर्ते :   रेंट अग्रीमेंट में साइन करने से पहले एग्रीमेंट की उन हर बातो को ध्यान से पढ़ना चाहिए , जिनके बारे में आपको जानकारी होना जरुरी है। 
  1. अपने साथ क्या पालतू जानवर मकान में रख सकते है। 
  2. देर रात में आने या जाने में कोई प्रतिबन्ध तो नहीं है।  
  3. क्या नॉन वेज  मकान  में  बना सकते है।  
  4. और भी कई शर्ते हो सकती है, जो की मकानमालिक के द्वारा लागु की जा सकती है, इन सभी के बारे में किरायेदार को जानकारी होनी चाहिए।