हाई कोर्टमें सुनवाई और तालमेल कमेटी का निर्णय :-
साथियो, आज 2 नवम्बर को हड़ताल से जनता को हो रही परेशानी को लेकर किसी व्यक्ति ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका डाली थी । वैसे तो दिनभर की कार्यवाही लम्बी है पूरी चर्चा नहीं हो सकती ।
फिर भी कोर्ट का अन्तिम निर्णय यै है कि कोर्ट ने तालमेल कमेटी को कहा है कि यदि कल 3 अक्तुबर को सुबह 10 बजे तक आप हड़ताल खोलकर कर बस चलाने का निर्णय लेते हैं तो आपके ऊपर जितने भी तरह के मुकदमें हैं , टर्मिनेशन है , सस्पैंनशन है व कोई और कार्यवाही है सभी वापिस हो जायेगी । आप को डियुटी पर लेने से कोई ( सरकार) नहीं रोक पायेगी ।
और शेष मांगों के लिये 14 नवम्बर से माननीय हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश के सामने सुनवाई शुरू होगी । सरकार को बुलाकर आपकी सभी मांगों का समाधान होगा । दूसरी बात यदि आप कल 3 नवम्बर को हड़ताल खोलकर डियूटी पर नहीं आते तो फिर भी 14 तारीख को सुनवाई तो होगी लेकिन आपकी विक्टेमाइजेशन पर कोई विचार नही होगा और कोर्ट के सामने जनता की परेशानी का जो मुद्दा है है केवल उस पर विचार करते हुये आगामी निर्णय होगा ।
ऐसे हालातों में हमने कोर्ट की भावना का सम्मान करते हुये कल अपनी डियुटी ज्वाइन करके बसें चलाने का निर्णय लिया है। अतः चाहे कोई टर्मिनेट है , सस्पैंड है या उस पर कोई भी मुकदमा है कल सब अपनी डियूटी पर जायेंगे । यदि कोई जी एम किसी को डियूडी पर लेने से इन्कार करे तो हमें सूचित करें ।
रही अगली बात 720 बसों की । इस पर न तो कोर्ट ने हमसे कुछ कहा है और न ही हमने इस पर कोई कामेंटमेट किया है । हम इस मांग पर आज भी स्टैण्ड करते हैं हमारा विरोध जारी रहेगा , कोर्ट में भी और सरकार के सामने भी । इस मांग पर कोई समझौता नहीं है । हमारा कहना है कि जैसे हमने कोर्ट की भावनाओं का सम्मान करके बसें चलाने का निर्णय लिया है सरकार भी कोर्ट की भावना के अनुरूप विचार करके उस पर कार्यवाही करे , अन्यथा 720 बषों पर हमारा विरोध जारी रहेगा । बाकी बात बद में करेंगे । कल सभी साथी अपनी डियूटी पर जायें और कोई दिक्कत आने पर हमें सूचित करें ।
साथियो, आज 2 नवम्बर को हड़ताल से जनता को हो रही परेशानी को लेकर किसी व्यक्ति ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका डाली थी । वैसे तो दिनभर की कार्यवाही लम्बी है पूरी चर्चा नहीं हो सकती ।
फिर भी कोर्ट का अन्तिम निर्णय यै है कि कोर्ट ने तालमेल कमेटी को कहा है कि यदि कल 3 अक्तुबर को सुबह 10 बजे तक आप हड़ताल खोलकर कर बस चलाने का निर्णय लेते हैं तो आपके ऊपर जितने भी तरह के मुकदमें हैं , टर्मिनेशन है , सस्पैंनशन है व कोई और कार्यवाही है सभी वापिस हो जायेगी । आप को डियुटी पर लेने से कोई ( सरकार) नहीं रोक पायेगी ।
और शेष मांगों के लिये 14 नवम्बर से माननीय हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश के सामने सुनवाई शुरू होगी । सरकार को बुलाकर आपकी सभी मांगों का समाधान होगा । दूसरी बात यदि आप कल 3 नवम्बर को हड़ताल खोलकर डियूटी पर नहीं आते तो फिर भी 14 तारीख को सुनवाई तो होगी लेकिन आपकी विक्टेमाइजेशन पर कोई विचार नही होगा और कोर्ट के सामने जनता की परेशानी का जो मुद्दा है है केवल उस पर विचार करते हुये आगामी निर्णय होगा ।
ऐसे हालातों में हमने कोर्ट की भावना का सम्मान करते हुये कल अपनी डियुटी ज्वाइन करके बसें चलाने का निर्णय लिया है। अतः चाहे कोई टर्मिनेट है , सस्पैंड है या उस पर कोई भी मुकदमा है कल सब अपनी डियूटी पर जायेंगे । यदि कोई जी एम किसी को डियूडी पर लेने से इन्कार करे तो हमें सूचित करें ।
रही अगली बात 720 बसों की । इस पर न तो कोर्ट ने हमसे कुछ कहा है और न ही हमने इस पर कोई कामेंटमेट किया है । हम इस मांग पर आज भी स्टैण्ड करते हैं हमारा विरोध जारी रहेगा , कोर्ट में भी और सरकार के सामने भी । इस मांग पर कोई समझौता नहीं है । हमारा कहना है कि जैसे हमने कोर्ट की भावनाओं का सम्मान करके बसें चलाने का निर्णय लिया है सरकार भी कोर्ट की भावना के अनुरूप विचार करके उस पर कार्यवाही करे , अन्यथा 720 बषों पर हमारा विरोध जारी रहेगा । बाकी बात बद में करेंगे । कल सभी साथी अपनी डियूटी पर जायें और कोई दिक्कत आने पर हमें सूचित करें ।