: सरकारी अफसर स्किल इंडिया प्रोजेक्ट पर पलीता लगाने में जुटे हैं। दरअसल, आइटीआइ से पासआउट 23 हजार स्टूडेंट्स पर 150 करोड़ रुपये तो खर्च कर दिए लेकिन इन्हें प्रशिक्षित किया ही नहीं। यानी, इन्हें सरकारी विभागों में काम करने के लिए पैसे तो मिले लेकिन प्रशिक्षण नहीं। अब बिना ट्रेनिंग के ही इनमें से 5500 परीक्षा के योग्य हो गए हैं। परीक्षा 23 अक्टूबर से शुरू होगी।
दरअसल 1 नवंबर, 2017 को हरियाणा दिवस पर सरकार ने सभी विभागों में कुल सीटों पर 10 फीसद आइटीआइ से पासआउट छात्रों की नियुक्ति शुरू की थी। इसके 9 महीने तक किसी भी छात्र को प्रदेश के विभागों ने ट्रेनिंग ही नहीं दी।
उपनिदेशक आइटीआइ ने सात अगस्त को प्रदेशभर में आरआइ (रिलेटिड इंस्ट्रक्शन) ट्रेनिंग के निर्देश जारी किए। इसके बाद भी चंद निगमों व आइटीआइ को छोड़कर कहीं ट्रेनिंग नहीं दी गई। 15 अक्टूबर को प्रदेश में 5500 छात्रों की कार्य अवधि समाप्त हो जाएगी। इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग ने 23 अक्टूबर से 12 दिसंबर तक परीक्षाओं का शेड्यूल जारी कर दिया। अब बिना ट्रेनिंग के ही परीक्षा देंगे।
क्या है स्थिति :
इस समय सरकारी विभागों में 18 हजार और 5 हजार पासआउट युवक प्राइवेट संस्थानों में कार्यरत हैं। इनमें से 5500 की कार्य अवधि 15 अक्टूबर को समाप्त हो रही है। इन 5500 में से 1500 सरकारी विभागों में लगे हैं, करीब 4 हजार प्राइवेट में। इनमें से प्रदेशभर में महज 300 की ट्रेनिंग ही हो सकी है। ज्यादातर विभागों में ट्रेनिंग की कोई व्यवस्था ही नहीं है।