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जानिए आप एक साथ दो डिग्री या डिप्लोमा कर सकते हैं या नहीं ? ( Know whether you can do two degrees or diploma together ?)

एक साथ दो डिग्री कोर्स करने की ख्वाहिश रखने वाले स्टूडेंट्स का सपना अब हकीकत बनने जा रहा है
 दरअसल, इस प्रस्ताव को यूजीसी ने अपनी सैद्घांतिक मंजूरी दे दी है। लंबे वक्त से स्टूडेंट्स और संस्थाओं की मांग थी कि अपने यहां एक साथ दो डिग्री कोर्स करने या दो रेग्युलर कोर्स करने की इजाजत दी जाए। यूजीसी ने इसके लिए एक एक्सपर्ट पैनल गठित किया, जिसने पिछले दिनों अपनी सिफारिशें दीं। इसके बाद आखिर यूजीसी इसके लिए राजी हो गई।

नए फैसले के मुताबिक, अब कोई भी शख्स एक रेग्युलर डिग्री कोर्स के साथ दूसरा डिग्री कोर्स डिस्टेंस लर्निंग या ओपन लर्निंग माध्यम या व्यक्तिगत माध्यम से उसी या किसी दूसरे संस्थान से कर सकता है। इसी तरह एक रेग्युलर कोर्स करने के साथ कोई भी स्टूडेंट उसी संस्थान या दूसरे संस्थान से सर्टिफिकेट, डिप्लोमा व पीजी डिप्लोमा रेग्युलर, डिस्टेंस लर्निंग या ओपन लर्निंग के जरिए कर सकता है।
एक साथ दो रेग्युलर डिग्री कोर्स नहीं : एक साथ दो रेग्युलर डिग्री या दो रेग्युलर डिप्लोमा कोर्स नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं, इसी फैसले के तहत यूजीसी ने जॉइंट डिग्री के प्रावधान को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत, अब कोई भी स्टूडेंट एक से ज्यादा इंस्टिट्यूट से संयुक्त तौर पर डिग्री ले सकेगा। इसके लिए वह एक से ज्यादा संस्थानों में उसे पढ़ाई की सुविधा दी जाएगी। गौरतलब है कि अभी तक अपने यहां कोई भी दो कोर्स एक साथ करने की इजाजत नहीं थी।
कब से होगा लागू
यूजीसी के सूत्रों के मुताबिक, इस बाबत सभी यूनिवर्सिटीज को लेटर भेजे जा रहे है। जॉइंट डिग्री के लिए यूनिवर्सिटीज को मौजूदा ऑर्डिनेंस में बदलाव करने होंगे। यूजीसी सूत्रों के मुताबिक, इसे पूरी तरह से यूनिवर्सिटीज पर छोड़ा गया है कि वह मौजूदा सेशन से इस पर अमल शुरू करती हैं या अगले सेशन से।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) छात्रों के लिए एक साथ दो डिग्री की राह खोलने की तैयारी में है। इसके तहत छात्र एक मेजर कोर्स के साथ दूसरे या उसी विश्वविद्यालय से एक माइनर कोर्स भी कर सकेंगे। यूजीसी की एक्सपर्ट कमेटी ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। अब यूजीसी ने विश्वविद्यालयों से कमेटी के रिपोर्ट के संदर्भ में उनकी राय मांगी है।
यूजीसी ने एक साथ दो डिग्री एवं विश्वविद्यालयों द्वारा ज्वाइंट डिग्री शुरू करने की संभावनाओं को तलाशने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी गठित की थी। हिमांचल केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. फुरकान कमर कमेटी के अध्यक्ष थे, जबकि लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. मनोज कुमार मिश्र, न्यूपा के प्रो. सुधांशु भूषण एवं जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के प्रो. इकबाल अहमद कमेटी के सदस्य बनाए गए थे।
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रेगुलर डिग्री प्रोग्राम में पंजीकृत छात्र को उसी विश्वविद्यालय या दूसरे संस्थानों से एक अतिरिक्त डिग्री कोर्स में दाखिले की इजाजत दी जा सकती है। हालांकि यह प्रोग्राम ओपन यूनिविर्सिटी या डिस्टेंस मोड में होना चाहिए। क्योंकि यहीं विश्वविद्यालय से दो डिग्री कोर्स एक साथ देने में प्रशासनिक एवं शैक्षणिक दिक्कतें भी आ सकती हैं।
हालांकि कमेटी ने दूसरा रास्ता यह भी सुझाया है कि रेगुलर डिग्री प्रोग्राम के साथ छात्र को उसी विश्वविद्यालय से सार्टिफिकेट, डिप्लोमा या पीजी डिप्लोमा प्रोग्राम रेगुलर या डिस्टेंस मोड में भी करने की इजाजत दी जा सकती है। यूजीसी ने एक्सपर्ट कमेटी की इस रिपोर्ट को विश्वविद्यालयों को भेज पंद्रह दिन में उनसे उनकी राय मांगी है जिससे इस संदर्भ में आखिरी निर्णय लिया जा सके।
ज्वाइंट डिग्री के भी तलाश रहे रास्ते
विश्वविद्यालयों में ज्वाइंट डिग्री के रास्ते भी तलाशे जा रहे हैं। यूजीसी द्वारा गठित कमेटी ने इस संदर्भ में भी अपने सुझाव दिए हैं। इसके अंतर्गत एक ही डिग्री छात्र दो विश्वविद्यालयों से कर सकेगा। दिल्ली विश्वविद्यालय ने इस संदर्भ में प्रयोग शुरू भी किया है। उसके अपने ही किसी कॉलेज से छात्र कोर्स में ही अपनी च्वाइस के हिसाब से दूसरे सब्जेक्ट भी किसी कॉलेज में पढ़ सकेगा।
इसके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, आईआईटी दिल्ली और जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्वास्थ्य शिक्षा पर एक ज्वांइट डिग्री प्रोग्राम पर काम कर रहे हैं। यूजीसी की कमेटी ने कहा है कि ज्वाइंट डिग्री कार्यक्रम के अंतर्गत छात्र किसी कोर्स का दूसरा पार्ट दूसरे किसी अन्य विश्वविद्यालय से कर सकेगा जहां उसका अध्ययन बेहतर हो। हालांकि इसमें तकनीकी समस्याएं हैं इसलिए विश्वविद्यालयों को आपसी समझौते एवं नियमों में संशोधन करने पड़ेंगे।
नए प्रयोग को खुलने चाहिए रास्ते
‘ज्वाइंट डिग्री का प्रयोग शिक्षा के लिए बेहतर साबित हो सकता है। विदेशी विश्वविद्यालयों में यह प्रणाली पहले से ही लागू है। हमारे यहां बहुत से विश्वविद्यालय में एक फैकेल्टी के छात्र को दूसरे फैकेल्टी का कोर्स करने की भी अनुमति नहीं है। इसलिए यह कवायद बहुत आसान नहीं है। विश्वविद्यालयों को अपने अधिनियम एवं परिनियम में परिवर्तन करना होगा। इसलिए ही कमेटी ने एक साथ दो कोर्स की पढ़ाई की छूट देने और साथ ही ज्वाइंट डिग्री कोर्स शुरू करने के लिए यूजीसी से विश्वविद्यालयों की भी राय लेने को कहा है। जिससे तकनीकी कठिनाइयों को भी दूर करने की दिशा में कदम उठाया जा सके। आईआईटी एवं दिल्ली विश्वविद्यालय में यह काम चल रहा है।’
– प्रो. मनोज कुमार मिश्र, पूर्व कुलपति एवं सदस्य यूजीसी यूजीसी एक्सपर्ट कमेटीविश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) छात्रों के लिए एक साथ दो डिग्री की राह खोलने की तैयारी में है। इसके तहत छात्र एक मेजर कोर्स के साथ दूसरे या उसी विश्वविद्यालय से एक माइनर कोर्स भी कर सकेंगे। यूजीसी की एक्सपर्ट कमेटी ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। अब यूजीसी ने विश्वविद्यालयों से कमेटी के रिपोर्ट के संदर्भ में उनकी राय मांगी है।
यूजीसी ने एक साथ दो डिग्री एवं विश्वविद्यालयों द्वारा ज्वाइंट डिग्री शुरू करने की संभावनाओं को तलाशने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी गठित की थी। हिमांचल केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. फुरकान कमर कमेटी के अध्यक्ष थे, जबकि लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. मनोज कुमार मिश्र, न्यूपा के प्रो. सुधांशु भूषण एवं जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के प्रो. इकबाल अहमद कमेटी के सदस्य बनाए गए थे।
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रेगुलर डिग्री प्रोग्राम में पंजीकृत छात्र को उसी विश्वविद्यालय या दूसरे संस्थानों से एक अतिरिक्त डिग्री कोर्स में दाखिले की इजाजत दी जा सकती है। हालांकि यह प्रोग्राम ओपन यूनिविर्सिटी या डिस्टेंस मोड में होना चाहिए। क्योंकि यहीं विश्वविद्यालय से दो डिग्री कोर्स एक साथ देने में प्रशासनिक एवं शैक्षणिक दिक्कतें भी आ सकती हैं।
हालांकि कमेटी ने दूसरा रास्ता यह भी सुझाया है कि रेगुलर डिग्री प्रोग्राम के साथ छात्र को उसी विश्वविद्यालय से सार्टिफिकेट, डिप्लोमा या पीजी डिप्लोमा प्रोग्राम रेगुलर या डिस्टेंस मोड में भी करने की इजाजत दी जा सकती है। यूजीसी ने एक्सपर्ट कमेटी की इस रिपोर्ट को विश्वविद्यालयों को भेज पंद्रह दिन में उनसे उनकी राय मांगी है जिससे इस संदर्भ में आखिरी निर्णय लिया जा सके।
ज्वाइंट डिग्री के भी तलाश रहे रास्ते
विश्वविद्यालयों में ज्वाइंट डिग्री के रास्ते भी तलाशे जा रहे हैं। यूजीसी द्वारा गठित कमेटी ने इस संदर्भ में भी अपने सुझाव दिए हैं। इसके अंतर्गत एक ही डिग्री छात्र दो विश्वविद्यालयों से कर सकेगा। दिल्ली विश्वविद्यालय ने इस संदर्भ में प्रयोग शुरू भी किया है। उसके अपने ही किसी कॉलेज से छात्र कोर्स में ही अपनी च्वाइस के हिसाब से दूसरे सब्जेक्ट भी किसी कॉलेज में पढ़ सकेगा।
इसके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, आईआईटी दिल्ली और जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्वास्थ्य शिक्षा पर एक ज्वांइट डिग्री प्रोग्राम पर काम कर रहे हैं। यूजीसी की कमेटी ने कहा है कि ज्वाइंट डिग्री कार्यक्रम के अंतर्गत छात्र किसी कोर्स का दूसरा पार्ट दूसरे किसी अन्य विश्वविद्यालय से कर सकेगा जहां उसका अध्ययन बेहतर हो। हालांकि इसमें तकनीकी समस्याएं हैं इसलिए विश्वविद्यालयों को आपसी समझौते एवं नियमों में संशोधन करने पड़ेंगे।
नए प्रयोग को खुलने चाहिए रास्ते
‘ज्वाइंट डिग्री का प्रयोग शिक्षा के लिए बेहतर साबित हो सकता है। विदेशी विश्वविद्यालयों में यह प्रणाली पहले से ही लागू है। हमारे यहां बहुत से विश्वविद्यालय में एक फैकेल्टी के छात्र को दूसरे फैकेल्टी का कोर्स करने की भी अनुमति नहीं है। इसलिए यह कवायद बहुत आसान नहीं है। विश्वविद्यालयों को अपने अधिनियम एवं परिनियम में परिवर्तन करना होगा। इसलिए ही कमेटी ने एक साथ दो कोर्स की पढ़ाई की छूट देने और साथ ही ज्वाइंट डिग्री कोर्स शुरू करने के लिए यूजीसी से विश्वविद्यालयों की भी राय लेने को कहा है। जिससे तकनीकी कठिनाइयों को भी दूर करने की दिशा में कदम उठाया जा सके। आईआईटी एवं दिल्ली विश्वविद्यालय में यह काम चल रहा है।’