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क्या होता है लाल डोरा ?? इस तरह से समझिए लाल डोरे को, सरकार ने क्या लिया है फैसला??

लाल डोरा है क्या?

लाल डोरा को अंग्रेजों ने सन 1908 में बनाया था | उस समय रेवेन्यू रिकॉर्ड रखने के लिए खेतीबाड़ी की जमीन के साथ स्थित गाँव की आबादी को अलग-अलग दिखाने के मकसद से नक़्शे पर आबादी के बाहर लाल लाइन खिची जाती थी | लाल डोरे के अंदर लोग कब्जे के मालिक होते हैं।जिसे लाल डोरा भी बोला जाता है |  लाल डोरा कोई कानूनी एक्ट क़ानून नहीं है। लाल डोरे से बाहर की जमीन के अलग अलग नंबर होतेहै। जिसे लाल डोरा भी बोला जाता है।
हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला : हरियाणा में अब गाँवों में होंगी जमीनों की रजिस्ट्री खत्म होगा लाल डोरा-
हरियाणा में जल्द ही गाँवों की जमीनों की भी रजिस्ट्री होगी . हरियाणा सरकार जल्द ही लाल डोरा खत्म करने जा रही हैं पढिये पूरी खबर इस लेख में-

इस तरह से समझिए लाल डोरे को

लाल डोरा वह जमीन होती है, जो ग्रामीण आबादी का हिस्सा है और जिसका इस्तेमाल सिर्फ गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए किया जाए। हर गांव में लाल डोरा होता है। जब गांव बसता है तो लाल डोरे की लाइन खींच दी जाती है। इसके अंदर ही घर बनाना होता है। लाल डोरा के तहत आने वाली जमीनों को बिल्डिंग बाई-लॉ, निर्माण-कार्य से जुड़े नियमों और नगरपालिका कानून के तहत आने वाले नियम-कायदों से छूट होती है।

 हरियाणा सरकार  जल्द ही लाल डोरे को खत्म करने का निर्णय लेगी  . कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक में लाल डोरे पर चर्चा की गई हैं . राज्यमंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि आजादी के बाद का यह सबसे बड़ा फैसला होगा  इससे आम आदमी जमीन पर लोन लेकर काम शुरू कर सकेगा . बेदी ने कहा कि बैठक में जींद विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर भी चर्चा हुई है और 26 जनवरी को हरियाणा के सभी गांवों में ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाएगा .
आपको बता दे की हरियाणा प्रदेश में लाल डोरा खत्म करने से ग्रामीणों का बड़ा फायदा होगा फ़िलहाल हरियाणा के गाँवों में जो संपतिया हैं उनकी रजिस्ट्री नही होती हैं . लाल डोरा खत्म होने के बाद ऐसी सभी प्रकार जमीनों की कानून रूप से रजिस्ट्रिया हो सकेगी .
हर तरह के जमीनी कार्य हो सकेंगे जैसे पक्की रजिस्ट्रिया बैंक लोन इत्यादि अहम कार्य .