हमारे देश में आजकल भी कई बार स्टूडेंट्स विभिन्न व्यक्तिगत और आर्थिक कारणों की वजह से अपनी 10 वीं या 12 वीं क्लास की पढ़ाई पूरी करने के बाद कोई डिप्लोमा कोर्स करना चाहते हैं ताकि जल्दी ही अपनी पसंद की फ़ील्ड में अपना करियर शुरू कर सकें. डिप्लोमा कोर्सेज को भारत में अक्सर “शॉर्ट टर्म कोर्सेज” कहा जाता है. लेकिन ये डिप्लोमा कोर्सेज सिलेबस के अनुसार लंबी अवधि के भी हो सकते हैं. ये डिप्लोमा कोर्सेज जॉब ओरिएंटेड कोर्सेज हैं और फुल टाइम डिग्री कोर्सेज की तुलना में इन डिप्लोमा कोर्सेज की लागत काफी कम होती है. डिप्लोमा कोर्सेज में विभिन्न प्रकार के स्पेशलाइजेशन होते हैं जो आप अपने इंटरेस्ट और स्किल सेट के मुताबिक चुन सकते हैं.
स्टूडेंट्स के लिए डिप्लोमा कोर्स का महत्व:
आजकल डिप्लोमा कोर्सेज की बढ़ती हुई लोकप्रियता और महत्व का कारण आसान एडमिशन प्रोसेस, कम फीस और अपनी मनचाही जॉब करने की सहूलियत है. अगर आप अपने लिए कम समय में कोई अच्छी जॉब प्राप्त करना चाहते हैं, टफ कॉम्पीटिशन से बचना चाहते हैं या आगे पढ़ाई जारी रखने के लिए आपकी मजबूत वित्तीय स्थिति नहीं है तो आप अपनी पसंद का कोई जॉब ओरिएंटेड डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं.
इसी तरह, अगर आप कम समय में अपना पसंदीदा करियर शुरू करना चाहते हैं तो अपने स्पेशलाइजेशन में डिप्लोमा कोर्स कर लें क्योंकि आजकल इंडस्ट्रीज कैंडिडेट्स के एकेडेमिक रिकार्ड्स पर ज्यादा ध्यान न देकर उनकी स्पेशलाइजेशन की फील्ड में टेक्निकल स्किल सेट को ज्यादा महत्व देती हैं. डिप्लोमा कोर्सेज में कैंडिडेट्स को उनकी फील्ड की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग ज्यादा दी जाती है लेकिन डिग्री कोर्सेज में कैंडिडेट्स की थ्योरीटिकल नॉलेज पर ज्यादा जोर दिया जाता है. इसलिए अपनी फील्ड में डिप्लोमा कोर्स करने के बाद आपके करियर में ग्रोथ के चांस काफी बढ़ जाते हैं.
जॉब ओरिएंटेड डिप्लोमा कोर्सेज का महत्व:
आजकल के ‘इंस्टेंट समय’ में स्टूडेंट्स जल्दी से जल्दी अपनी पढ़ाई खत्म करके अपनी पसंद की जॉब पाना चाहते हैं जिसके लिए डिप्लोमा कोर्सेज उनकी पहली पसंद बन चुके हैं. हालांकि, डिप्लोमा कोर्सेज जॉब ओरिएंटेड होते हैं. लेकिन स्टूडेंट्स/ कैंडिडेट्स को कोई जॉब करने के साथ ही कॉरेस्पोंडेंस के माध्यम से अपनी ग्रेजुएशन/ पोस्ट-ग्रेजुएशन की डिग्री जरुर प्राप्त करनी चाहिए ताकि वे अपने करियर में काफी तरक्की कर सकें.
12वीं साइंस के बाद स्टूडेंट्स कर सकते हैं निम्नलिखित डिप्लोमा कोर्सेज:
• इंजीनियरिंग
• डिज़ाइनिंग
• मेडिकल लैब टेक्नीशियन
• नर्सिंग
• आईटी
• रेडियोलोजी
12वीं कॉमर्स के बाद स्टूडेंट्स कर सकते हैं निम्नलिखित डिप्लोमा कोर्सेज:
• बैंकिंग एवं फाइनेंस
• पोर्टफोलियो मैनेजमेंट
• बीमा
12वीं आर्ट्स के बाद स्टूडेंट्स कर सकते हैं निम्नलिखित डिप्लोमा कोर्सेज:
• एयरपोर्ट मैनेजमेंट
• एनिमेशन
• एस्ट्रोलॉजी
• बारटेंडिंग एंड बेवरेजेज
• फैशन डिजाइनिंग
• जेम्स एंड ज्वेलरी (आर्टिफीशल/ नकली आभूषण शामिल हैं)
• होटल मैनेजमेंट
• इंटरनल डिजाइनिंग
• पॉमिस्ट्री
• फिजिकल एजुकेशन
• रेडियो जॉकिंग, ब्राडकास्टिंग जर्नलिज्म, एडिटिंग एंड रिपोर्टिंग
• ट्रेवल एंड टूरिज्म (आईएटीए/ यूएफटीए से मान्यताप्राप्त)
• वेब डिजाइनिंग
• योग
भारत के टॉप डिप्लोमा कोर्सेज:
कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा
यह एक टेक्निकल कोर्स है, जो इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस और मैथ्स के क्षेत्र से स्टूडेंट्स को बेहतरीन ट्रेनिंग प्रदान करता है. विभिन्न कॉलेजों में सिलेबस के मुताबिक कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स 3 से 4 साल की अवधि में करवाया जाता है. यह कोर्स करने के लिए बेसिक एलिजिबिलिटी के तहत स्टूडेंट्स ने कम से कम 50% स्कोर्स के साथ अपनी 12वीं क्लास पास की हो या फिर, आईटीआई पास स्टूडेंट्स सीधे इस कोर्स के दूसरे वर्ष में एडमिशन ले सकते हैं.
कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स करवाने वाले कॉलेजों की सूची निम्नानुसार है: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (बॉम्बे), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (नई दिल्ली), बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (पिलानी), दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (नई दिल्ली), अन्ना विश्वविद्यालय, (चेन्नई), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (तिरुचिराप्पल्ली)
कंप्यूटर साइंस में डिप्लोमा उन लोगों के लिए उपयुक्त कोर्स है जिनके पास टेक्निकल इश्यूज को हल करने के लिए साइंस, मैथ्स, इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस की जानकारी को अप्लाई करने की क्षमता है.
कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद स्टूडेंट्स निम्नलिखित फ़ील्ड्स में जॉब्स कर सकते हैं: फाइनेंशयल सर्विसेज सेक्टर, ग्राफ़िक डिज़ाइन एंड आर्ट, कंप्यूटर इंडस्ट्री, बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री, टेलीकम्यूनिकेशन इंडस्ट्री, ई-कॉमर्स सर्विसेज.
होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा
होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा उन कैंडिडेट्स के लिए सबसे उपयुक्त है जो लोगों के साथ बातचीत करना पसंद करते हैं और फ़ूड, ट्रेवलिंग तथा लक्ज़री के लिए उनमें काफी पैशन है. होटल मैनेजमेंट के कोर्स में हॉस्पिटैलिटी, ट्रेवल और टूरिज्म का विस्तार से अध्ययन शामिल है. होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा कोर्स करने के लिए स्टूडेंट्स के पास कम से कम 50% स्कोर के साथ अपनी 12 वीं क्लास पास करने का सर्टिफिकेट होना चाहिए.
होटल मैनेजमेंट और कैटरिंग टेक्नोलॉजी कोर्स में डिप्लोमा ऑफर करने वाले टॉप कॉलेज निम्नलिखित हैं: गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (अहमदाबाद), हिम-आंचल इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टैक्नोलॉजी (हमीरपुर), महाराज विनायक ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जयपुर), सूर्य स्कूल ऑफ होटल मैनेजमेंट – एसएसएचएम (पटियाला).
होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद स्टूडेंट्स निम्नलिखित क्षेत्रों में काम कर सकते हैं: फैक्ट्रीज, हॉस्पिटल्स, होटल्स, रिसर्च एंड एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, विश्वविद्यालयों की कैंटीन्स.
फैशन टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा
आधुनिक दुनिया की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए, फैशन डिजाइनिंग उन लोगों के लिए सबसे बढ़िया करियर ऑप्शन है जिनके पास फैशन और स्टाइल की समझ और टेस्ट है. जिस तेज़ी से गारमेंट इंडस्ट्री का विस्तार और विकास हो रहा है, टैलेंटेड फैशन डिजाइनरों की मांग आने वाले वर्षों में तेजी से बढ़ना लाजमी है. फैशन डिजाइनिंग में डिप्लोमा कोर्स करने के लिए स्टूडेंट्स के पास, उनके द्वारा चुने गये फैशन डिजाइनिंग के कोर्स के मुताबिक, 10 वीं पास और/ या 12 वीं पास का सर्टिफिकेट होना चाहिए.
स्टूडेंट्स निम्नलिखित टॉप कॉलेजों से फैशन टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं: असम टेक्सटाइल इंस्टीट्यूट (एटीआई - गुवाहाटी), विद्यावती मुशरान गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज (नरसिंहपुर), दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी एन पैरामेडिकल साइंसेज (दिल्ली).
यह कोर्स उन लोगों के लिए सबसे उपयुक्त है जिनके पास बेहतरीन फैशन समझ है. इसके अतिरिक्त, इस क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए आपके पास शानदार विज़ुअलाइजेशन और प्रेजेंटेशन स्किल्स होने चाहिए. फैशन डिजाइनिंग में डिप्लोमा कोर्स पूरा करने के बाद, उम्मीदवार निम्नलिखित जॉब्स कर सकते हैं:
• ब्राइडल वियर डिजाइनर
• फिल्म्स या थिएटर के लिए कॉस्टयूम डिजाइनर
• फैशन डिजाइनर
• इलस्ट्रेटर
• मैकेनिस्ट
• पैटर्न मेकर या ग्रेडर
• रिटेल व्यापारी
• स्टाइलिस्ट
• टेक्सटाइल डिजाइनर
• विज्युअल डिस्प्ले आर्टिस्ट
3 डी एनिमेशन में डिप्लोमा
आजकल मल्टीमीडिया, एनीमेशन और गेमिंग स्टडी के साथ 3 डी एनिमेशन में डिप्लोमा भी स्टूडेंट्स के बीच काफी लोकप्रिय है. 3 डी एनिमेशन कंप्यूटर जनरेटेड ऑब्जेक्ट्स को बनाने के बारे में है जो 3 डी (3 डायमेंशन स्पेस) में दिखाई देते हैं. अब क्योंकि दुनिया वर्चुअल रिएलटी की तरफ बढ़ रही है, इसलिए 3 डी एनीमेशन इंडस्ट्री का विकास काफी तेज़ गति से हो रहा है. 3 डी एनीमेशन में डिप्लोमा कोर्स करने के लिए बेसिक एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के तहत स्टूडेंट्स ने अपनी 12 वीं क्लास कम से कम 50% अंकों के साथ पास की हो.
3 डी एनीमेशन में डिप्लोमा कोर्स विभिन टॉप कॉलेजों में करवाया जाता है. कुछ प्रमुख कॉलेज हैं: वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ डिजाइन (पाल्डी), एमिटी यूनिवर्सिटी (नई दिल्ली), फ्रेमबॉक्स एनीमेशन एंड विजुअल इफेक्ट्स ( मुंबई), एरिना एनिमेशन (नई दिल्ली), एमएएसी ( नई दिल्ली).
डिजिटल मीडिया में माहिर, अच्छे कम्युनिकेशन्स स्किल्स और आर्टिस्टिक स्किल्स वाला कोई भी व्यक्ति एनीमेशन में डिप्लोमा कोर्स कर सकता है. किसी 3 डी एनीमेटर के रूप में, आपको हर समय रचनात्मक विचार पेश करने के लिए तैयार रहना चाहिए और लंबे समय तक काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए.
3 डी एनिमेशन में डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद स्टूडेंट्स विभिन्न फ़ील्ड्स और कंपनियों में काम कर सकते हैं जैसेकि, 3 डी एडवरटाइजिंग एजेंसियां, एनिमेशन स्टूडियोज, विभिन्न कॉलेज और विश्वविद्यालय, फिल्म इंडस्ट्री, गेम डिजाइनिंग कंपनियां और टीवी प्रोडक्शन हाउस.
फाइन आर्ट्स में डिप्लोमा
फाइन आर्ट्स में मुख्य रूप से एस्थेटिक्स या कॉन्सेप्ट के विभिन्न प्रकार शामिल हैं. फाइन आर्ट्स डिप्लोमा कोर्स का लक्ष्य ड्राइंग, स्केचिंग और डिजिटल पेंटिंग के कॉन्सेप्ट्स सीखने के लिए स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग देना है. जिन स्टूडेंट्स ने किसी मान्यताप्राप्त बोर्ड से 50% अंकों के साथ अपनी 12 वीं क्लास के एग्जाम पास किये हैं, वे फाइन आर्ट्स में डिप्लोमा कोर्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
डिप्लोमा कोर्सेज के लिए भारत में कुछ मशहूर फाइन आर्ट्स कॉलेज हैं: शहीद उधम सिंह सरकारी कॉलेज-संगारू, प्रशांत विश्वविद्यालय-उदयपुर, कलामंदिर स्कूल ऑफ आर्ट-बैंगलोर, ज्ञानवर्षा संस्थान-नई दिल्ली.
जिन स्टूडेंट्स को आर्ट्स में बहुत इंटरेस्ट है और उनमें आर्टिस्टिक स्किल्स भी मौजूद हैं, यह कोर्स उनके लिए उपयुक्त है. कोई भी छात्र जिसकी कल्पना शक्ति बहुत बढ़िया है और उसके पास अच्छे ड्राइंग स्किल्स हैं, उसे फाइन आर्ट्स में डिप्लोमा करना चाहिए.
फाइन आर्ट्स में डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद स्टूडेंट्स निम्नलिखित जॉब्स कर सकते हैं: एकेडेमिक रिसर्च एडिटर – आर्ट्स और ह्यूमैनिटीज, ग्राफिक डिजाइनर, आर्ट टीचर, फ्लैश एनीमेटर, असिस्टेंट लेक्चरर – फाइन आर्ट्स, रिटेल सेल्स - फाइन आर्ट्स, फैकल्टी लेक्चरर - ग्राफिक्स डिजाइनिंग, आर्ट लायसन ऑफिसर.