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कॉलेज में अपने राइटिंग स्किल्स को निखारने के कुछ कामयाब टिप्स

जब आप अपने हाई स्कूल की पढ़ाई समाप्त करके कॉलेज में पढ़ना शुरू करते हैं तो अक्सर लोग आपसे बढ़िया राइटिंग स्किल्स की उम्मीद रखते हैं. अधिकांश स्टूडेंट्स अच्छे राइटिंग स्किल्स की कमी के कारण कॉलेज के प्रोफेसर्स की उम्मीद पर खरे नहीं उतरते हैं. कॉलेज में कुछ स्टूडेंट्स किसी भी टॉपिक को काफी अच्छे ढंग से लिख लेते हैं लेकिन बहुत से छात्र ठीक से लिखना भी नहीं जानते हैं और इसलिये, वे कुछ भी लिखने से अक्सर बचने की कोशिश करते हैं. राइटिंग स्किल्स जन्मजात या हायर एजुकेशन के साथ स्वतः ही आ जाती है यह बात सही नहीं है. किसी भी अन्य स्किल या कौशल की तरह ही बढ़िया लिखना या राइटिंग स्किल्स को भी निरंतर अभ्यास से सीखा जा सकता है. कॉलेज में आपको निबंध, असाइनमेंट्स और क्वेश्चन पेपर्स आदि लिखने के कारण लिखने का काफी अभ्यास हो जाता है. कॉलेज में आपको विभिन्न टॉपिक्स और विषयों पर काफी अधिक निबंध और असाइनमेंट्स आदि लिख कर तैयार करने पड़ते हैं जिससे आपके राइटिंग स्किल्स में काफी सुधार होता है. अगर आप कॉलेज में अपने राइटिंग स्किल्स निखार लेते हैं तो आप बहुत अच्छे अंक लेकर ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त करते हैं और अपने करियर तथा पेशे सहित भावी जीवन में भी आपको अपने बढ़िया राइटिंग स्किल्स का बहुत फायदा मिलता है. लेकिन, राइटिंग स्किल्स में किसी भी टॉपिक के अनुसार यथोचित लिखने के साथ ही आपको लिखने में गलतियां किये बिना लिखना होता है. कैसे??..... आइये इस आर्टिकल में आगे पढ़ें:  


टॉपिक पर करें फोकस

सबसे पहले तो आपको यह ध्यान रखना होगा कि आप किस टॉपिक या विषय में लिख रहे हैं क्योंकि अपने लिखने के टॉपिक पर पूरी तरह फोकस रखना बढ़िया लेखन और राइटिंग स्किल की पहली शर्त है जो आप अपने कॉलेज में पढ़ते समय बेहतर तरीके से सीख सकते हैं. चाहे आपने कोई आर्टिकल कितना ही बढ़िया क्यों न लिखा हो लेकिन, अगर आप संबद्ध टॉपिक पर अपने विचार नहीं लिखते हैं तो आपके प्रोफेसर आपसे बिलकुल इम्प्रेस नहीं होंगे. असाइनमेंट में किसी दिए गए टॉपिक के अनुसार ही आर्टिकल लिखना कॉलेज में अच्छे अंक लाने की कुंजी है. 

लिखने के लिए बनाये पूर्व योजना और निकालें पर्याप्त समय

कॉलेज छात्र अक्सर कोई असाइनमेंट सबमिट करने की अंतिम तिथि से पहली रात को जागकर अपनी असाइनमेंट लिखने बैठते हैं. कॉलेज असाइनमेंट लिखना हायर स्कूल के निबंधों से काफी अलग होता है. विश्वविद्यालय स्तर के आर्टिकल्स अक्सर रिसर्च आधारित होते हैं और इसलिये आपको किसी भी टॉपिक के संबंध में उपलब्ध सूचना और जानकारी एकत्रित करने के लिए काफी समय चाहिए. इसका मतलब है कि कुछ भी लिखने से पहले आपको उस आर्टिकल के लिए पर्याप्त समय निर्धारित कर लेना चाहिए और लिखने की पूर्व योजना बना लेनी चाहिए ताकि आप अंतिम तिथि से कुछ समय पहले ही वह आर्टिकल या असाइनमेंट तैयार कर लें. कुछ भी लिखना शुरू करने से पहले ही अपनी असाइनमेंट या आर्टिकल लिखने को योजना बनाएं और लिखने का स्टाइल या ढांचा अच्छी तरह से तैयार कर लें. इससे आप टॉपिक से कुछ भी असंबद्ध लिखने से बच जायेंगे और अपने आर्टिकल या असाइनमेंट में सुव्यवस्थित तरीके से अपने विचार और जानकारी प्रस्तुत करेंगे.

अपने टॉपिक पर करें रिसर्च वर्क

कॉलेज और विश्वविद्यालय में कोई असाइनमेंट लिखने के लिए आपको काफी ज्यादा रिसर्च वर्क करना पड़ता है. यह बहुत जरुरी है कि अपने दस्तावेजों में आप जो भी जानकारी, फैक्ट्स या डेटा प्रस्तुत करें, वह सही हो और विश्वसनीय स्रोत से लिया गया हो. यह तब सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है जब आप उच्च शिक्षा के लिए कोई रिसर्च पेपर या एकेडमिक पेपर तैयार कर रहे हों. इसलिये, कॉलेज के छात्रों के लिए अपनी असाइनमेंट हेतु रिसर्च वर्क और अच्छी बिब्लियोग्राफी तैयार करने की काबिलियत होना सबसे आवश्यक है. जिन छात्रों को यह समझ नहीं आता है कि वे अपना रिसर्च वर्क कहां से शुरू करें, अपने कॉलेज की लाइब्रेरी उनके लिए सबसे बढ़िया स्थान है.

अपनी ऑडियंस का रखें ध्यान

अपनी असाइनमेंट लिखनी शुरू करने से पहले, आप इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आप किस ऑडियंस (रीडर, श्रोता और बहुत बार दर्शक भी) के लिए अपनी असाइनमेंट या कोई आर्टिकल लिख रहे हैं? उदाहरण के लिए, अगर आप किसी क्रिएटिव राइटिंग क्लास के लिए असाइनमेंट लिख रहे हैं तो आपका लिखने का तरीका किसी टेक्निकल टॉपिक पर आर्टिकल लिखने के तरीके से काफी अलग होगा. उक्त दोनों ही सेटिंग्स में आपकी ऑडियंस या रीडर काफी अलग होंगे. उक्त दोनों सेटिंग्स के लिए टॉपिक्स के संदर्भ भी आपस में काफी भिन्न होंगे. इसलिये, कुछ भी लिखने से पहले इस बात का जरुर ख्याल रखें कि आप किस किस्म की ऑडियंस के लिए आर्टिकल लिख रहे हैं. ?

दूसरा ड्राफ्ट बनाने से न घबराएं

हमेशा पहली बार हम किसी भी टॉपिक पर काफी अच्छे ढंग से नहीं लिख पाते हैं. आपके लिए यह हमेशा बढ़िया रहेगा कि अपने आर्टिकल या असाइनमेंट की उसके टॉपिक के अनुसार जरुर समीक्षा करें. हमेशा इस बात का खास ख्याल रखें कि अच्छा लेख हमेशा क्रम के अनुसार लिखा जाता है. पहला ड्राफ्ट अक्सर बहुत बढ़िया या टॉपिक के अनुसार नहीं लिखा जाता है. आपको शायद अपने टॉपिक पर पूरा आर्टिकल दुबारा लिखना पड़े लेकिन, आपकी मेहनत कभी बेकार नहीं जायेगी. पेशेवर राइटर्स हमेशा सलाह देते हैं कि किसी भी आर्टिकल या असाइनमेंट के एक से ज्यादा ड्राफ्ट बनाएं ताकि आपके आर्टिकल में कम से कम गलतियां रह जायें. किसी भी आर्टिकल पर आपका हरेक अगला ड्राफ्ट पहले ड्राफ्ट से अच्छा होगा और फिर, आप अंत में एक बेहतरीन आर्टिकल तैयार कर लेंगे.

अपने आर्टिकल की करें प्रूफरीडिंग और एडिटिंग

प्रूफरीडिंग और एडिटिंग राइटिंग प्रोसेस के बहुत ही आवश्यक पहलू हैं. जैसे आप कुछ भी लिखने से पहले उसका एक ढांचा तैयार कर लेते हैं ताकि आप उचित तरीके से अपने विचार पेश कर सकें; उसी तरह  प्रूफरीडिंग और एडिटिंग आपको अपना आर्टिकल लिखने के बाद उसे सुधारने में या उस आर्टिकल की गलतियां हटाने में काफी मददगार होते हैं. अच्छी तरह प्रूफरीड करने से पहले कभी भी कोई आर्टिकल, प्रोजेक्ट या असाइनमेंट सबमिट न करें. इससे आप छोटी-मोटी या व्याकरण एवं विराम चिन्ह संबंधी गलतियां अपने आर्टिकल से हटा सकते हैं और आपको बढ़िया मार्क्स मिलते हैं. 

एक्सपर्ट की राय जरुर लें

अपने आर्टिकल और असाइनमेंट की प्रूफरीडिंग और एडिटिंग करने के बाद इसे अपने किसी दोस्त या सहपाठी से अवश्य चेक करवाएं. अक्सर हम अपनी गलतियों को नज़रंदाज़ कर देते हैं इसलिये, किसी अन्य व्यक्ति से अपने आर्टिकल को चेक करवाना हमेशा फायदेमंद रहता है. कोई दूसरा व्यक्ति आपके आर्टिकल को आपके नज़रिए से बिलकुल अलग नजरिये से देखेगा और आपकी तुलना में वह आपके आर्टिकल का ज्यादा बढ़िया विश्लेषण करेगा. आप अपने बहुत महत्वपूर्ण असाइनमेंट्स और आर्टिकल्स का विश्लेषण पेशेवर प्रूफरीडर्स से भी करवा सकते हैं.

आलोचनाओं पर दें अवश्य ध्यान

अपने दोस्तों और सहपाठियों से अपने आर्टिकल की समीक्षा करवाना बहुत आसान है. लेकिन, हम अक्सर अपने आर्टिकल में उनके द्वारा निकाली गई कमियों को अनदेखा कर देते हैं. याद रखें कि आपने उनसे अपने आर्टिकल को चेक करने के लिए मदद मांगी थी और अक्सर दो लोग किसी भी टॉपिक पर एक समान आर्टिकल नहीं लिखते हैं क्योंकि उस टॉपिक के बारे में उन दोनों लोगों के विचार और राय भिन्न होते हैं. इसलिये, आप उनके द्वारा सुझाये गए उचित बदलाव को स्वीकार करें और गैर-जरुरी बदलावों को अनदेखा कर दें. लेकिन, अपने प्रोफेसर के विश्लेषण पर खास ध्यान दें क्योंकि वे अपने विषय के एक्सपर्ट होते हैं और आपके राइटिंग स्किल्स को वास्तव में सुधारना चाहते हैं. इसलिये, उनके फीडबैक के अनुसार ही भविष्य में अपनी असाइनमेंट तैयार करें.

लिखने का निरंतर करते रहें अभ्यास

अंत में, राइटिंग एक ऐसा स्किल है जिसके लिए आपको निरंतर अभ्यास और धैर्य की आवश्यकता होती है. कोई भी कुछ दिन में एक जाना-माना राइटर नहीं बन सकता है. पहली बार अक्सर हम बहुत प्रभावी नहीं लिख पाते हैं. लेकिन, समय बीतने के साथ और निरंतर अभ्यास से आप राइटिंग स्किल में माहिर हो जाते हैं. आप रोजाना क्लास नोट्स लिखकर भी बढ़िया असाइनमेंट बना सकते हैं. आप अपने अध्ययन विषयों के अलावा भी विभिन्न टॉपिक्स पर रोजाना कुछ न कुछ लिखने का अभ्यास करते रहें, कुछ समय बाद आपको स्वयं इसका फायदा महसूस होगा.
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