अनैतिक व्यापार पर कानून
(धारा 366 क, 366ख, 372, 373 भारतीय दंड संहिता)
अनैतिक व्यापार
यदि कोई व्यक्ति किसी भी लड़की को वेश्यावृति के लिए खरीदता या बेचता है तो उसे दस साल तक की कैद और जुर्माना की सजा होगी।
अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम, 1956
यदि कोई व्यक्ति वेश्यावृति के लिए किसी व्यक्ति को खरीदता बेचता, बहलाता फुसलाता या उपलब्ध करवाता है तो उसे तीन से चौदह साल तक की कैद और जुर्माने की सजा होगी।
धारा 366 क भारतीय दंड संहिता
धारा 366 क के अन्तर्गत अप्राप्त लड़की को उपादान के बारे में बताया गया है। इसके अन्तर्गत कहा गया है कि जो कोई अठारह वर्ष से कम आयु की अप्राप्तवय लड़की को, अन्य व्यक्ति से आयुक्त संभोग करने के लिए विवश या विलुब्ध करने के आशय से या तद्द्वारा विवश या विलब्ध किया जाएगा, यह सम्भाव्य जानते हुए ऐसी लड़की को किसी स्थान से जाने को कोई कार्य करने को, किसी भी साधन द्वारा उत्प्रेरित करेगा, वह कारावास से जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेञ्गी दण्डित किया जाएगा और जुर्माना से भी दण्डनीय होगा।
धारा 366 ख भारतीय दंड संहिता
धारा 366 (ख) के अन्तर्गत विदेश से लड़की को आयात करने के बारे में बताया गया है कम आयु की किसी लड़की का भारत के बाहर उसके किसी देश से या जम्मू-कश्मीर से आयात उसे किसी अन्य व्यक्ति से आयुक्त संभोग करने के लिए विवश या विलुब्ध करने के आशय से या तद्द्वारा विवश या विलुब्ध की जाएगी, यह सम्भाव्य जानते हुए करेगा, वह कारवास से जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
धारा 372 भारतीय दंड संहिता
वेश्यावृत्ति आदि के प्रयोजन के लिए अप्राप्तवय को बेचने के बारे में प्रावधान करती है। इसके अंतर्गत बताया गया है कि जो कोई 18 वर्ष से कम आयु के किसी व्यक्ति को इस आशय से कि ऐसा व्यक्ति से आयुक्त संभोग करने के लिए या किसी विधि विरुध्द या दुराचारिक प्रयोजन के लिए कम में लाया या उपयोग किया जाए या यह सम्भाव्य जानते हुए कि ऐसा व्यक्ति किसी आयु में भी ऐसे किसी प्रयोजन के लिए काम में लाया जाएगा, या उपभोग किया जाएगा, बेचेगा, भाड़े पर देगा या अन्यथा व्ययनित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
(6 धारा के अन्तर्गत 2 स्पष्टीकरण दिये गये हैं। स्पष्टीकरण 1 के अन्तर्गत बताया गया है कि जबकि अठारह वर्ष से कम आयु की नारी किसी वेश्या को, या किसी अन्य व्यक्ति को, जो वेश्यागृह चलाता हो या उसका प्रबंध करता हो, बेची जाए, भाड़े पर दी जाए या अन्यथा व्ययनित की जाए, तब इस प्रकार ऐसी नारी को व्ययनित करने वाले व्यक्ति के बारे में,जब तक कि तत्प्रतिकूल साबित न कर दिया जाए, यह उपधारणा की जाएगी कि उसने उसको इस आशय से व्ययनित किया है कि वह वेश्यावृत्ति के उपभोग में लाई जाएगी। स्पष्टीकरण -2 के अन्तर्गत आयुक्त सम्भोग से इस धारा के प्रयोजनों के लिए ऐसे व्यक्तियों में मैथुन अभिप्रेत है जो विवाह से संयुक्त नहीं है, या ऐसे किसी सम्भोग या बंधन से संयुक्त नहीं कि जो यद्यपि विवाह की कोटि में तो नहीं आता तथापि इस समुदाय की, जिसके वे हैं या यदि वे भिन्न समुदायों के हैं, जो ऐसे दोनों समुदायों की स्वीय विधि या रूञ्ढ़ि द्वारा उनके बीच में विवाह सदृश्य सम्बन्ध अभिसात किया जाता है।
धारा 373 भारतीय दंड संहिता
वेश्यावृत्ति के प्रयोजन के लिए अप्राप्वय का खरीदना आदि के बारे में हैं जो कोई अठारह वर्ष में कम आयु के किसी व्यक्ति को इस आशय के बारे में है कि ऐसा व्यक्ति किसी आयु में भी वेश्यावृत्ति या किसी व्यक्ति से आयुक्त सम्भोग करने के लिए या किसी विधि विरुध्द दुराचारिक प्रयोजन के लिए काम में लाया या उपयोग किया जाए या यह सम्भाव्य जानते हुए कि ऐसा व्यक्ति किसी आयु में भी ऐसे किसी प्रयोजन के लिए काम में लाया जाएगा या उपभोग किया जाएगा, खरीदेगा, भाड़े पर लेगा या अन्यथा उसका कब्जा अभिप्रेत करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा। इस धारा के स्पष्टीकरण के अन्तर्गत बताया गया है कि अठारह वर्ष से कम आयु की नारी को खरीदने वाला, भाड़े पर लेने वाला या अन्यथा उसका कब्जा करने वाले तत्प्रतिकूल साबित न कर दिया जाए, यह उपधारणा की जाएगी कि ऐसी नारी का कब्जा उसने इस आशय से अभिप्रेत किया है कि वह वेश्यावृत्ति के प्रयोजनों के लिए उपभोग में लायी जाएगी।